Wednesday, January 13, 2021

COVID-19 वैक्सीन दुनिया में वैक्सीन का भविष्य तय करेगी

 


कहा जाता है कि सुबह होने से पहले रात सबसे अंधेरी होती है। यह अँधेरा कोरोना महामारी का है और निश्चित रूप से अभी बहुत घाना है। संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका से निकलने वाले SARS-CoV-2 के अधिक संक्रामक Forms बड़े पैमाने पर टीकाकरण से पहले महामारी को और बदतर बना देंगे। लेकिन इन नए टीकों में से कुछ पर एक नज़र डालें और फिर भोर आने पर विचार और चिंतन करें, तो ऐसा प्रतीत होता है कि - यह भोर सिर्फ आने वाले महीनों में पहली किरणें हैं, बल्कि भविष्य में वर्षों और दशकों की उज्ज्वल रोशनी का भी स्त्रोत हैं। यह नई वैक्सीन्स, जो नए प्रकाश के समान है, अति प्रशंसनीय लग रहा है कि यही हथियार जो हम Covid-19 को हराने के लिए इस्तेमाल करेंगे, वे कष्टकारक और भयंकर कैंसर रोग पर भी विजय प्राप्त कर सकता है - जो एक वर्ष में लगभग 1 करोड़ लोगों को मारता है।

सबसे विश्वसनीय Covid वैक्सीन में  Nucleic Acids  का उपयोग किया जाता है जिसे RNA या mRNA कहा जाता है। इनमें से  एक वैक्सीन जर्मनी की कंपनी BioNTech SC  और इसकी सहयोगी अमेरिका की Pfizer Inc से आती है और दूसरी वैक्सीन अमेरिका की ही कंपनी Moderna Inc से है जिसकी Original Spelling ModeRNA है।  एक और वैक्सीन है जो बनने को तैयार है और वो भी जर्मनी की CureVac  NV कंपनी से है। 

साधारण टीकों या वैक्सीन्स में निष्क्रिय या कमजोर वायरस होते हैं, जो जब शरीर में इंजेक्ट होते हैं, तो एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करते हैं जो बाद में जीवित रोगज़नक़ या वायरस के खिलाफ रक्षा कर सकते हैं। लेकिन इस तरह के टीके बनाने की प्रक्रिया में विभिन्न Chemicals और Cell Cultures की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया  समय लेती है और कई बार Cell Culture  संदूषण या Contamination के Chances भी बड़ जाते हैं

लेकिन mRNA वैक्सीन्स में ये समस्याएँ नहीं हैं। वे शरीर को स्वयं ही आक्रामक प्रोटीन बनाने का निर्देश देती हैं - जो कि  SARS-CoV-2 के वायरल RNA के चारों ओर लीपट जाती  हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली या Immune  System  तब इन Antigens पर घर बनाती है, और तब तक ये काम जारी रहता है जब तक Protein  पर Corona Virus जाये। इसमें mRNA का बड़ा वादा निहित है: यह हमारी कोशिकाओं को वैसे ही Proteins बनाने के लिए निर्देशित कर सकता है जैसा हम चाहते हैं।   इसमें Covid-19 के अलावा कई अन्य बीमारियों के Antigens भी शामिल हो सकते हैं।

अपने दिन-प्रतिदिन के कार्य में, mRNA अपने आणविक चचेरे भाई या Molecular Cousin, जिसे DNA कहा जाता है और जो कि Cell Nuclei में है , से निर्देश लेता है। mRNA तब Genome के Stretches या Total Area को Interpret या Copy करता है और उसे Cytoplasm में ले जाता है जहा पहले से ही मौजूद Ribosomes, जिन्हे Little Cellular फैक्ट्रीज कहा जाता है, सूचनाओं को संशोधित करके Proteins का निर्माण करते हैं। 

DNA के साथ Nucleus में पूरे Complicated Negotiations को Skip करके BioNTech और Moderna इस प्रक्रिया को Shortcut कर देते हैं।  इसके बजाय, वे पहले पता लगाते हैं कि उन्हें क्या प्रोटीन चाहिए - उदाहरण के लिए, Virus के चारों ओर कोट पर एक Spike फिर वे Amino Acids के Sequence को देखते हैं जो इस प्रोटीन को बनाता है। इससे वे सही और सटीक निर्देश प्राप्त करते हैं जो mRNA को देना चाहिए। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत तेज़ हो सकती है, यही वजह है कि टीकों को बनाने में एक साल से भी कम समय लगा, एक गति जो पहले से अकल्पनीय थी, उस से भी तेज़ गति से वैक्सीन्स को बनाया गया। यह आनुवंशिक (Genetically) रूप से सुरक्षित भी है - mRNA नाभिक (Nucleus) में वापस नहीं जा सकता है और गलती से भी हमारे DNA में जीन (Genes) नहीं डाल सकता।

1970 के दशक से ही शोधकर्ताओं को लगता रहा है कि इस तकनीक का उपयोग सभी प्रकार की विकृतियों से लड़ने के लिए कर सकते हैं। लेकिन विज्ञान में हमेशा की तरह, सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए भारी मात्रा में धन, समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। एक दशक के उत्साह के बाद, 1990 के दशक में mRNA Academically Unfashionable हो गया। प्रगति रुकती हुई लग रही थी। मुख्य बाधा यह थी कि जानवरों में mRNA इंजेक्शन लगाने से अक्सर घातक सूजन हो जाती थी।

Katalin Kariko - एक हंगेरियन वैज्ञानिक, जो 1980 के दशक में अमेरिका में आकर बस गयी थी, अपने जीवन में उतार-चढ़ाव देखने के बावजूद, वीरतापूर्वक अपना पूरा करियर mRNA को समर्पित कर दिया था। 1990 के दशक में, उन्होंने अपनी फंडिंग खो दी, Demoted हो गईं, उसका वेतन कट गया और अन्य कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। लेकिन वह अपने काम में निष्ठां से लगी रहीं और फिर, खुद कैंसर से जूझने के बाद, उन्होंने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

2000 के दशक में, उन्हें और उनके शोध साझेदारों को एहसास हुआ कि Uridine की अदला-बदली, जो कि mRNA के ''Letters'' में से एक है, कोड को खोये बिना और बिना सूजन पैदा किये, जानवरों पर किया जा सकता है। जिन चूहों पर परिक्षण चल रहा था वो जिंदा रहे। उनके अध्ययन को Stanford University के एक वैज्ञानिक, Derrick Rossi पढ़ा, जिन्होंने बाद में Moderna स्थापना की। 

यह Ugur Sahin और  Ozlem Tureci के ध्यान में भी आया, जो दो Oncologists हैं और  जो पति और पत्नी हैं।  उन्होंने BioNTech की सह-स्थापना भी  की है। उन्होंने Kariko की तकनीक का लाइसेंस लिया और उसे काम पर रखा। शुरुआत से, वे कैंसर के इलाज में सबसे अधिक रुचि रखते थे। आज के हमारे कैंसर से लड़ने वाले विचार दूर वक्त में एक मूल दिशा प्रदान करेंगे। आज एक घातक ट्यूमर को मारने के लिए आमतौर पर  Radiations या Chemicals का उपयोग करते हैं और उन्हें नष्ट  करते हैं, परन्तु अनजाने में इस प्रकार की प्रक्रिया में बहुत सारे अन्य ऊतकों को भी  नुकसान पहुंचाते हैं। कैंसर से लड़ने का बेहतर तरीका, Sahin और Tureci ने जो महसूस किया, वो यह था कि प्रत्येक ट्यूमर को आनुवंशिक रूप से Unique माना जाये और उस विशेष Tumour के खिलाफ व्यक्तिगत रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रशिक्षित किया जाये। और यह ही mRNA के लिए एक बेहतर कार्य है।  इसमें Antigen का पता लगाया जाता है, इसके Fingerprints  प्राप्त किये जाते हैं, Targeted Tumour Cells को Attack करने के लिए Cellular Instructions को Reverse किया जाता है, और अंत में शरीर को अपने हिसाब से कार्य करने दिया जाता है। 

अगर हम Moderna और BioNTech के कार्यों पर एक नज़र डालें तो वे Breast, Prostate, Skin, Pancreas, Brain, Lungs और अन्य ऊतकों के कैंसर के इलाज के लिए दवा परीक्षणों के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा से ज़ीका और रेबीज तक सब कुछ के खिलाफ Vaccines बनाते हैं। सम्भवत: आगे भी संभावनाएँ अच्छी दिखाई देती हैं।

प्रगति, बेशक, धीमी गति से हुई  है। Sahin और Tureci ने जो स्पष्टीकरण दिया है, वे यह कहते हैं कि इस क्षेत्र के निवेशकों को पूँजी की मात्रा बढ़ानी चाहिए और फिर एक दशक से अधिक समय तक इंतजार करना चाहिए, पहले परीक्षणों के लिए, फिर नियामक अनुमोदन या रेगुलेटरी Approvals के लिए। अतीत में, बहुत कम लोग इस क्षेत्र में पूँजी लगाने के मूड में थे।

Covid-19, सौभाग्य से, शायद इन परिक्रियाओं को गति प्रदान करे। कोरोना महामारी ने mRNA की वैक्सीन्स और उस से जुड़ी सभी Concepts के प्रमाण का शानदार आगाज किया है। पहले से ही, Kariko के लिए नोबेल पुरस्कार के बारे में चर्चाएं चल रही हैं इसलिए्रतीतोता है कि इसके बाद, mRNA को निवेशकों, नियामकों और नीति निर्माताओं से धन, ध्यान या उत्साह प्राप्त करने में कोई समस्या नहीं होगी।

इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि निवेशकों, नियामकों और नीति निर्माताओं से धन, ध्यान या उत्साह प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी, परन्तु इस अंधकार भरे  समय में, यह एक आशा की किरण प्रतीत  होती है।